परमेश्वर का वचन

बाइबल एक ऐतिहासिक पुस्तक है, और यदि तुम ने अनुग्रह के युग के दौरान पुराने विधान को खाया और पिया होता—यदि अनुग्रह के युग के दौरान पुराने विधान के समय में जो अपेक्षित था उसे तुम व्यवहार में लाए होते—तो यीशु ने तुम्हें अस्वीकार कर दिया होता, और तुम्हें निन्दित किया होता; यदि तुमने यीशु के कार्य में पुराने विधान को लागू किया होता, तो तुम एक फरीसी होते।
लोग परमेश्वर के वचनों को जितना अधिक स्वीकार करते हैं, वे उतने ही अधिक प्रबुद्ध होते हैं, परमेश्वर को जानने की उनकी भूख और प्यास उतनी ही बढ़ती है।
"मूसा ने कहा, 'मुझे अपना तेज दिखा दे।' उसने कहा, 'मैं तेरे सम्मुख होकर चलते हुए तुझे अपनी सारी भलाई दिखाऊँगा, और तेरे सम्मुख यहोवा नाम का प्रचार करूँगा; और जिस पर मैं अनुग्रह करना चाहूँ उसी पर अनुग्रह करूँगा, और जिस पर दया करना चाहूँ उसी पर दया करूँगा।'
यूहन्ना 20:26-29 आठ दिन के बाद उसके चेले फिर घर के भीतर थे, और थोमा उनके साथ था; और द्वार बन्द थे, तब यीशु आया और उनके बीच में खड़े होकर कहा, "तुम्हें शान्ति मिले।"
नीनवे के लोगों के प्रति परमेश्वर के द्वारा अपने इरादों को बदलने में कोई संकोच या अस्पष्टता शामिल नहीं है।
सच्चाई के साथ प्रार्थना करने का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने हृदय में शब्दों को कहना, और परमेश्वर की इच्छा को समझकर और उसके वचनों पर आधारित होकर परमेश्वर के साथ वार्तालाप करना
परमेश्वर में विश्वास करने में तुम्हें कम से कम परमेश्वर के साथ एक सामान्य संबंध रखने के विषय का समाधान करना चाहिए।
यूहन्ना 6:8-13 उसके चेलों में से शमौन पतरस के भाई अन्द्रियास ने उससे कहा, “यहाँ एक लड़का है जिसके पास जौ की पाँच रोटी और दो मछलियाँ हैं; परन्तु इतने लोगों के लिये वे क्या हैं?” यीशु ने कहा, “लोगों को बैठा दो।”
1. मत्ती 12:1 उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी तो वे बालें तोड़-तोड़कर खाने लगे।
मत्ती 18:21-22 तब पतरस ने पास आकर उस से कहा, "हे प्रभु, यदि मेरा भाई अपराध करता रहे, तो मैं कितनी बार उसे क्षमा करूँ? क्या सात बार तक?" यीशु ने उससे कहा, "मैं तुझ से यह नहीं कहता कि सात बार तक वरन् सात बार के सत्तर गुने तक।"

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